· महिलाओं का सशक्तिकरण· गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य· उद्यमिता को उजागर करना· मोबाइल फाइनेंस· भविष्य का अनुमान
महिलाओं का सशक्तिकरण
भारत के ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं ने सेलफोन के बढ़ती सीमा से बहुत लाभ उठाया है, क्योंकि इससे उन्हें स्वतंत्रता और अधिकार में सुधार मिला है। ग्रामीण भारत में अनुमानित २०० मिलियन अशिक्षित महिलाओं का बड़ा हिस्सा अब स्मार्टफोन और मोबाइल ऐप्स का लाभ उठा सकता है जो उन्हें टेक्स्ट के बजाय ऑडियो और तस्वीरो के माध्यम से संचार करने की अनुमति देते हैं।
गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य
विश्व बैंक के डेटा के अनुसार, भारत में जन्म से संबंधित मृत्यु 2013 में 100,000 लोगों में 190 थे। ग्रामीण महिलाओं के लिए पर्याप्त संसाधनों की कमी है। सहायोग फाउंडेशन नामक एक गैर सरकारी संगठन ने उत्तर प्रदेश में स्मार्टफोन आधारित एक ऐप्लिकेशन “माय हेल्थ, माय वॉयस” बनाई,
जो स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर व्यवस्था करने में मदद करती है।
उद्यमिता को उजागर करना
विद्याहीनता, परिवार की जिम्मेदारियां, भौगोलिक विभाजन और व्यवसाय के बारे में काम ज्ञान जैसी बाधाएं ग्रामीण क्षेत्रों की महिला उद्यमियों के लिए वास्तविकता हैं। स्मार्टफोनों की सुलभता और उपलब्धता के परिणामस्वरूप, ग्रामीण महिलाएं पारंपरिक भूमिकाओं से मुक्त होती हैं, अपनी आवाज़ ढूंढती हैं और अपने परिवारों का समर्थन करती हैं।
भविष्य का अनुमान
2010 और 2017 के बाद से, इंस्टाग्राम और टिकटोक जैसे अप्प्स ने लाखों लोगों को आकर्षित किया है। इन साइटों पर गाने पर वीडियोस और नृत्य रूटीन पर छोटे शहरों से कुछ लोगों को देखना अच्छा है। इस तरह के फोरम का उपयोग करने की वजह से ग्रामीण भारतीय महिलाओं को चुप्पी से मुक्त करने में मदद मिली है। कुछ लोगों में, खासकर Instagram, Likee, MX TakaTak और Bigo Live पर बड़ी...